प्यार कैसे होता है? सच्चे प्यार की निशानियां।

Hello dear friend आज का हमारा टॉपिक है प्यार कैसे होता है और क्या प्यार एक तरफा होता है या दो तरफा चलिए शुरू करते हैं,



दोस्तों हम कहते हैं कि हमें प्यार  चीजों से हो जाता है लेकिन क्या हमें चीजों से प्यार हो सकता है क्या वह चीज हमसे प्यार करती है आप कहते हो मुझे उस चीज से प्यार है लेकिन उस चीज को आप से प्यार नहीं है आप खुद ही तो अपने माइंड में सोच रहे हो, तो अब आप कैसा लव क्रिएट करोगे एक हमेशा याद रखना प्यार हमेशा हमेशा एक तरफा होता है क्योंकि आप अपनी तरफ से प्यार को कंट्रोल कर सकते हो दूसरी तरफ से तो नहीं चाहे वह कैसा भी दिखावा करें तो उसे पता है लेकिन आप अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर सकते हो ना और उसे पूरी शिद्दत से प्यार कर सकते हो लेकिन आपको नहीं पता कि वह आपसे सच में प्यार करता है या सिर्फ बोलता है या दिखावा करता है इसलिए हम कभी भी प्यार को दो तरफा नहीं कह सकते प्यार हमेशा ही एक तरफा होता है यह बात भूल जाइए कि प्यार दो तरफा होता है इस बात से दूर हो जाइए कि दो तरफा प्यार नाम की कोई चीज भी होती है पता नहीं आपके दिमाग में यह क्या भर दिया गया है कि दो तरफा प्यार भी नाम की भी कोई चीज है कुछ नहीं होता प्यार हमेशा एक तरफा होता है जब हम किसी से पूरी तरह जुड़े रहते हैं कनेक्ट रहते हैं जब हमको खुशी होते हैं कि नहीं जैसे जैसे मान लीजिए कि आप छुट्टियों पर गए और वहां पर जाकर आप सभी चीजों का आनंद ले रहे हैं खुले आसमान का पेड़ पौधों का और सभी चीजों का कुछ टाइम के लिए आप उस माहौल से जुड़ गए हैं क्यों वहां पर जो हमें खुशी होती है इसी को प्यार कहते हैं आप किसी इंसान के आंखों में देखते हैं वह भी आपकी आंखों में देखता है जो आप दोनों जुड़ जाते है आप उसको चाहते हैं और वह आपको चाहता है और जब आप दोनों एक दूसरे की आंखों में देखते हो और कुछ टाइम के लिए एक दूसरे से जुड़ जाते हो उस टाइम जो फीलिंग होती है इसी को प्यार कहते हैं
लेकिन यह जोड़ना कुछ टाइम के लिए क्यों होता है बाकि टाइम में लड़ाई झगड़ा होता है अगर यह जोड़ना हमेशा रहे तो क्या लड़ाई होगी आप सोचें जब आप उससे कुछ टाइम के प्रिय जुड़ गए थे तो आपके दिमाग में कुछ भी लड़ाई चल रही होती है या कुछ भी अलग होने के बारे में सोच रहे हो नहीं अगर नहीं तो यह हमेशा क्यों नहीं होता है अलग होना मतलब परेशानी और जोड़ना मतलब खुश रहना और प्यार से रहना।


सच्चे  प्यार की तीन निशानियाँ :-
दोस्तों वैसे तो सबका अपना अपना समझने का अलग अलग  तरीका होता है सबको अलग अलग निशानियाँ  मालूम होती हैं  लेकिन हम आपको तीन सबसे अच्छी निशानियों के बारे मई बता रहे है 

1. हमरी पहली निशानी है की किसी भी व्यक्ति को अपना सब कुछ मान लेना अगर प्यार सच्चा हो तो प्यार करने वाला व्यक्ति अपने अपना सब  कुछ  मान लेता है अपनी जिंदगी ,अपनी जीत  ,अपनी हार अगर प्रेमी है तो मैं हूँ अगर प्रेमी नहीं तो  मैं भी नहीं 








2.अगर किसी को देख कर आपको लगे की आप उस इंसान के साथ आप  बहुत खुश  रहोगे तो हो सकता है आप गलत हो क्युकी खुश  रहने का मतलब ये तो नहीं की आप उस इंसान से प्यार करते हो अगर ये प्यार है तो इसे प्यार नहीं Attraction कहते है और ये ख़ुशी सिर्फ कुछ वक्त के लिए हो सकती है आप जैसे जैसे उस इंसान को जानना  शुरू करते हो तो आपको उसकी कुछ आदतें   अच्छी लगती हैं तो कुछ आदतें आपको पसंद नहीं आती जिस वजह से लड़ाई झगड़ा होता है कई बार इसी वजह से रिस्ता भी टूट जाता है अगर आपको किसी से सच में प्यार है तो आप इंसान की अच्छी आदतों के साथ साथ उसकी बुरी आदतों को भी अपनाओ उस इंसान को सही और गलत के बारे में बताओ ये आपका फर्ज बनता है की आप अपने प्यार को सही रस्ते पर लाये रिस्ता तोड़ देना कोई प्यार नहीं है बल्कि साथ देना प्यार है जब भी उसको आपकी जरुरत हो तो आप उसके साथ रहो ख़ुशी में और ग़म में ये होता है 
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written by Ankit chaudhary 

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